Discrimination of AI
Discrimination of AI

Discrimination of AI: आज की दुनिया में Artificial Intelligence (AI) को आधुनिक क्रांति माना जा रहा है क्युकी इस सुविधा ने लोगों के काम को सिर्फ आसान ही नहीं बनाया बल्कि आधे से ज्यादा काम खुद करने की क्षमता रखता है, लेकिन क्या ये बदलाव सभी के लिए एक जैसा है? यही सवाल खड़ा होता है जब हम Discrimination of AI जैसे गंभीर मुद्दों पर नजर डालते हैं।

हाल ही में न्यूयॉर्क की एक रिसर्च ने ये उजागर किया कि AI सिस्टम्स, जो कि जीवन रक्षक फैसले ले रहे हैं, ये भेदभाव (bias) सिर्फ एक तकनीकी खामी नहीं, बल्कि एक गंभीर मानवीय समस्या बनता जा रहा है।

क्यों होता है Discrimination of AI?

AI वो सीखता है जो उसे सिखाया जाता है। अगर डेटा ही पक्षपातपूर्ण हो, तो नतीजे भी वैसे ही होंगे। हेल्थ डेटा जो अधिकतर गोरे लोगों पर आधारित होता है, वो बाकी समुदायों को नजरअंदाज कर देता है। इससे Discrimination of AI और गहराता है।

क्या AI सिर्फ एक टूल है या नया भेदभाव करने वाला सिस्टम?

डॉ. गिरीश नादकर्णी ने एक रेसर्च में पाया की AI स्वस्थ सेवा के क्षेत्र में जिस प्रकार लोगों की मदद कर रहा है क्या वैसे ही यह लोगों के साथ भेदभाव भी कर रहा है  यही बात दोहराई उनके सह-लेखक डॉ. इयाल क्लैंग ने, जो कहते हैं हमें पाहचनने की जरूरत है Discrimination of AI कब और कैसे हो रहा है।

मरीजों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम!

  1. AI का ऑडिटिंग सिस्टम मजबूत करें: समय-समय पर जांच हो कि मॉडल कैसे निर्णय ले रहा है।
  2. डेटा डाइवर्सिटी बढ़ाएं: अलग-अलग नस्लों, जेंडर और भौगोलिक क्षेत्रों का डेटा AI में शामिल किया जाए।
  3. AI मॉडल्स को इंसान की निगरानी में रखें: कोई भी ऑटोमेटिक फैसला बिना विशेषज्ञ की पुष्टि के न हो।

Discrimination of AI: सामाजिक चेतावनी !

Discrimination of AI को अगर आज नजरंदाज किया जाता है तो आने वाले समय में लोगों का स्वस्थ संबंधी विभागों और इंसानियत से भरोसा उठा जाएगा, AI को हमें ऐसे बनाना है जो इंसानों के साथ खड़ा हो, न कि उनके खिलाफ।

अब वक्त है कि हम सिर्फ तकनीक की स्पीड से प्रभावित न हों, बल्कि उसके नैतिक पहलुओं को भी गंभीरता से लें। क्योंकि अगर AI इलाज दे सकता है, तो नुकसान भी कर सकता है — और यही असली चेतावनी है।

 AI तभी भरोसेमंद है जब वो सबके लिए बराबर हो!

टेक्नोलॉजी की जरूरत इंसानों के काम को आसान बनाने की होनी चाहिए न की इंसानों में भेदभाव करने की, उसमें Discrimination of AI जैसी समस्याओं को जड़ से खत्म किया जाए, ये सिर्फ डेटा या कोड की बात नहीं है, ये इंसानियत की बात है।

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