India & Pakistan Tension: भारत और पाकिस्तान के रिश्ते एक बार फिर खतरनाक मोड़ पर हैं। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बेहद बढ़ गया है। भारत में आक्रोश है और पाकिस्तान की ओर से पारंपरिक रूप से जवाबी धमकी दी जा रही है—परमाणु हमले की।
India & Pakistan Tension के बीच सवाल यह उठ रहा है कि क्या अब भारत को केवल सीमावर्ती कार्रवाइयों तक सीमित रहना चाहिए या सीधे उस जड़ पर वार करना चाहिए जिससे पाकिस्तान अपनी ताकत का प्रदर्शन करता है—यानी उसके परमाणु ठिकाने?
पाकिस्तान की बढ़ती परमाणु क्षमता
आज के समय में India & Pakistan Tension के बीच ताकत के संतुलन का सबसे बड़ा आधार बन चुकी है परमाणु क्षमता। ताज़ा रिपोर्ट्स बताती हैं कि पाकिस्तान तेज़ी से अपने न्यूक्लियर हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा है, जो पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। उसकी रणनीति ‘फुल स्पेक्ट्रम डिटरेंस’ पर आधारित है, जिसमें टैक्टिकल, ऑपरेशनल और स्ट्रैटजिक तीनों स्तर के हथियार शामिल हैं। उसकी मिसाइलें ज़मीन, हवा और पानी—तीनों प्लेटफॉर्म से चलाने के लिए तैयार की जा रही हैं।
India & Pakistan Tension: वो ठिकाने, जहां हमला करने से पाकिस्तान की रीढ़ टूट सकती है
India & Pakistan Tension के चलते सेटेलाइट तस्वीरों और रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के कुछ चुनिंदा गारिजन ऐसे हैं जो उसकी परमाणु ताकत की धुरी हैं। अगर भारत इन ठिकानों पर सटीक हमला करता है तो पाकिस्तान की परमाणु ताकत पूरी तरह से ठप की जा सकती है।
- गुजरांवाला गारिजन: पाकिस्तान का एक खतरनाक परमाणु ठिकाना है, जो भारत की सीमा से महज 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से तैनात नसर मिसाइलें कुछ ही मिनटों में पंजाब, हरियाणा और दिल्ली जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को निशाना बना सकती हैं।
- पानो अकील गारिजन – सिंध में स्थित यह बेस बाबर और शाहीन मिसाइलों का केंद्र है, जहां से भारत के पश्चिमी हिस्से को टारगेट किया जा सकता है।
- अकरो गारिजन – छह अंडरग्राउंड मिसाइल गैराज और क्रॉस शेप स्ट्रक्चर इसे एक गंभीर रणनीतिक ठिकाना बनाते हैं।
- सर्गोधा गारिजन – 1980 से पाकिस्तान की परमाणु नीति का आधार। यहां 10+ भूमिगत बंकर हैं, और यहीं Sargodha Weapons Storage Complex स्थित है।
- खुजदार गारिजन – दक्षिण-पश्चिम पाकिस्तान में स्थित यह बेस भले भारत से दूर हो, लेकिन रणनीतिक रूप से बेहद अहम है।
भारत की रणनीति: सीमित कार्रवाई या निर्णायक वार? India & Pakistan Tension
अब जब India & Pakistan के रिश्ते एक बार फिर नाजुक मोड़ पर हैं, तो भारत के सामने दो रास्ते हैं—या तो सीमावर्ती आतंकी ठिकानों को निशाना बनाता रहे या फिर सीधे पाकिस्तान के परमाणु इंफ्रास्ट्रक्चर पर वार करे। विशेषज्ञों की मानें तो दूसरा विकल्प पाकिस्तान की ‘डिटरेंस पॉलिसी’ को जड़ से खत्म कर सकता है।
India & Pakistan के बीच संघर्ष की स्थिति अगर आगे बढ़ती है, तो भारत को सिर्फ ‘प्रतिक्रिया’ देने की जगह अब ‘रणनीतिक निर्णय’ लेना होगा। पाकिस्तान के उन ठिकानों पर हमला करना जहां से वह अपनी परमाणु शक्ति संचालित करता है, न केवल भारत की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा बल्कि पूरे उपमहाद्वीप को एक लंबे समय के लिए युद्ध के खतरे से दूर कर सकता है।
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