Munir Ahmed
Munir Ahmed

Munir Ahmed: सीआरपीएफ के जवान Munir Ahmed की बर्खास्तगी ने देशभर में चर्चा का विषय बना दिया है। उन पर एक पाकिस्तानी महिला से शादी छिपाने और उसके वीजा समाप्त होने के बाद भी भारत में रहने देने का आरोप है। हालांकि, मुनीर अहमद ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। जानिए इस पूरे प्रकरण की हर बारीकी।

कौन हैं munir ahmed?

मुनीर अहमद जम्मू के घरोटा क्षेत्र के निवासी हैं और अप्रैल 2017 में उन्होंने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 72वीं बटालियन में सेवा शुरू की थी। उन्होंने 24 मई 2023 को पाकिस्तान की महिला मेनल खान से ऑनलाइन वीडियो कॉल के माध्यम से शादी की। Munir Ahmed का दावा है कि उन्होंने दिसंबर 2022 में ही इस शादी की जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी थी और 30 अप्रैल 2023 को CRPF मुख्यालय से उन्हें औपचारिक स्वीकृति भी प्राप्त हुई थी। उन्होंने शादी से संबंधित सभी दस्तावेज जैसे शादी प्रमाणपत्र, तस्वीरें, और परिजनों व स्थानीय अधिकारियों के शपथपत्र CRPF को सौंपे थे।

क्यों हुए munir ahmed बर्खास्त?

CRPF ने मुनीर अहमद को इस आधार पर सेवा से हटा दिया कि उन्होंने पाकिस्तानी नागरिक से विवाह की जानकारी छिपाई और उसकी वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी उसे भारत में रहने दिया। मेनल खान का वीजा 22 मार्च 2024 को समाप्त हो गया था। CRPF का कहना है कि इस तरह का कृत्य सेवा नियमों का उल्लंघन है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा भी बन सकता है, विशेषकर पहलगाम आतंकी हमले के बाद। जबकि Munir Ahmed का कहना है कि उन्होंने समय पर वीजा विस्तार के लिए आवेदन किया था और उन्हें मीडिया रिपोर्ट्स से अपने बर्खास्त होने की जानकारी मिली।

विवाह और वीजा विवाद की सच्चाई!

मुनीर अहमद( munir ahmed)और मेनल खान की शादी 24 मई 2023 को हुई थी। मेनल 28 फरवरी 2024 को वाघा-अटारी बॉर्डर के जरिए भारत आई थीं, जिनके पास 15 दिन का वीजा था जो 22 मार्च 2024 को समाप्त हो गया। जब उन्हें देश से निकाला जाने लगा, तब जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने 29 अप्रैल 2024 को उनके पक्ष में 10 दिन की राहत दी। मुनीर अहमद ने मार्च 2024 में ही लंबे समय के वीजा के लिए आवेदन कर दिया था और जरूरी इंटरव्यू भी दे दिया था। उन्होंने ड्यूटी पर लौटते ही अपनी शादी की जानकारी आधिकारिक रूप से दर्ज कराई थी।

Munir Ahmed की सफाई और कानूनी रणनीति!

मुनीर अहमद(munir ahmed)का कहना है कि उन्होंने सेवा नियमों का पूरा पालन किया है। उन्होंने CRPF को पहले ही 31 दिसंबर 2022 को अपने विवाह की योजना से अवगत करा दिया था और मांगे गए सभी दस्तावेज जैसे पासपोर्ट की कॉपी, शादी का कार्ड, माता-पिता व सरपंच और DDC सदस्य के हलफनामे जमा कराए थे। अप्रैल 2023 में उन्हें मुख्यालय से अनुमति भी मिल गई थी। उन्होंने अपने साथ हुए अन्याय को लेकर कोर्ट में अपील करने का निर्णय लिया है और उन्हें न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है।

मामला सामने आने पर किया रहा इसका असर! 

Munir Ahmed का यह मामला उस समय सामने आया जब देश में पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान नागरिकों को लेकर सख्ती बरती जा रही थी। CRPF का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनज़र यह फैसला जरूरी था। हालांकि,

मुनीर अहमद(munir ahmed)के अनुसार उन्होंने सभी नियमों का पालन किया, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या विभागीय स्तर पर संवाद की कमी रही? जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट द्वारा मेनल खान की देशनिकाला पर रोक लगाने से यह मामला और अधिक संवेदनशील बन गया है। आने वाले समय में यह मामला इस तरह की परिस्थितियों के लिए मिसाल बन सकता है।

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