Nawazuddin Siddiqui के अनुसार, न केवल बॉलीवुड उबाऊ है बल्कि यह इंडस्ट्री की नकल कर के असली पहचान को खत्म कर रहा है। इस इंडस्ट्री में रचनात्मकता की भारी कमी आई है बीते कुछ सालों में, जो की बहुत चिंता का विषय है, क्योंकि Bollywood ना केवल मनोरंजन का स्रोत है बल्कि इससे बहुत से परिवारों का रोजगार जुड़ा है।
“Creative Bankruptcy” का तात्पर्य क्या है?
Nawazuddin Siddiqui ने “Creativeruptcy” शब्द का इस्तेमाल बॉलीवुड में क्रिएटिविटी की कमी को दर्शाने के लिए किया। उन्होंने कहा, “जिस तरह से आर्थिक दिवालियापन होता है, ठीक उसी तरह से बॉलीवुड में ‘क्रिएटिव बैंकरप्सी’ हो गई है। आजकल हमारी इंडस्ट्री में क्रिएटिविटी की बहुत बड़ी कमी है। शुरुआत से ही हमारी इंडस्ट्री ने चोरी की है – गाने चुराए हैं, कहानियाँ चुराई हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि बॉलीवुड ने हमेशा से अपनी फिल्मों में दूसरों से प्रेरणा ली है और कभी भी अपनी मूल रचनाओं पर काम नहीं किया। “अब जो चोरी करते हैं, वे कहां से रचनात्मक हो सकते हैं? हम दक्षिण भारतीय फिल्मों से चुराते हैं, कभी यहां से तो कभी वहां से। यहां तक कि कुछ ऐसी ‘कुल्ट’ फिल्में जो हिट हो गईं, उनके दृश्य भी चुराए गए थे,” Nawazuddin Siddiqui ने अपनी बात रखी।
Sequels की बढ़ती समस्या?
नकलची बिल्ली की तरह बॉलीवुड में भी एक समस्या है, जो लंबे समय से चल रही है – और वह है फिल्मों के सिक्वल्स (sequels)। Nawazuddin Siddiqui ने कहा, “हमारी इंडस्ट्री में वही चीज़ पांच साल तक रिपीट की जाती है। फिर जब लोग ऊब जाते हैं, तब वह उसे छोड़ देते हैं। और अब स्थिति यह हो गई है कि 2, 3, 4 सिक्वल्स बनाए जा रहे हैं।” उनके अनुसार, ये सिक्वल्स सिर्फ एक फार्मूला के तहत बनाए जाते हैं और दर्शकों के लिए कुछ नया या रोचक नहीं लाते हैं। यह सिर्फ ‘इंसेक्योरिटी’ के कारण हो रहा है, जहाँ फिल्म निर्माता सिर्फ वही सामग्री दोहराते हैं जो पहले से सफल हो चुकी हो।
Nawazuddin Siddiqui और Anurag Kashyap का दुख!
Nawazuddin ने यह भी कहा कि ऐसे माहौल में अच्छे फिल्म निर्माता भी धीरे-धीरे इंडस्ट्री से बाहर जा रहे हैं। “क्या आप ऐसी इंडस्ट्री से क्या उम्मीद कर सकते हैं? क्या तरह के अभिनेता यहाँ आएंगे? वे भी उसी तरह के होंगे। और फिर अभिनेता और निर्देशक जैसे Anurag Kashyap, जो अच्छे काम ला रहे थे, उन्हें भी इंडस्ट्री छोड़नी पड़ी,” Nawazuddin Siddiqui ने अपनी बात पूरी की।
इससे पहले, Anurag Kashyap ने भी बॉलीवुड में रचनात्मकता की कमी का रोना रोते हुए कहा था कि इस कारण से वह अब दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की ओर रुख कर रहे हैं। उनका मानना है कि वहाँ उन्हें रचनात्मक स्वतंत्रता मिल रही है।