Mr. Trump: हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति Mr. Trump ने एक चौंकाने वाला दावा किया कि भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर लगाए गए सभी आयात शुल्क (टैरिफ) पूरी तरह समाप्त करने की पेशकश की है। इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों को लेकर हलचल मचा दी है। Mr. Trump के अनुसार, भारत पहले अमेरिका से भारी शुल्क वसूलता था, लेकिन अब उसने 100% टैरिफ हटाने की सहमति जताई है। हालांकि भारत सरकार की ओर से इस दावे की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन इस टिप्पणी के बाद दोनों देशों के व्यापारिक समीकरणों को लेकर नई चर्चाएं जरूर शुरू हो गई हैं।
Mr. Trump’ का दावा: भारत ने 100% टैरिफ हटाने की पेशकश की
Mr. Trump ने हाल ही में एक बड़ा दावा किया कि भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर लगाए गए सभी आयात शुल्क (टैरिफ) पूरी तरह हटाने की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि यह भारत की ओर से एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि वह इस समझौते को अंतिम रूप देने की जल्दी में नहीं हैं। हालांकि, भारत सरकार की ओर से अब तक इस दावे की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। ऐसे में इस बयान ने दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को लेकर नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है और स्थिति पर सबकी नजरें टिकी हैं।
भारत की प्रतिक्रिया: ‘कोई प्रतिबद्धता नहीं’
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ताएं प्रारंभिक चरण में हैं और अभी तक किसी भी टैरिफ कटौती पर कोई प्रतिबद्धता नहीं की गई है। वाणिज्य सचिव सुनील बार्थवाल ने एक संसदीय समिति को बताया कि भारत और अमेरिका के बीच एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
व्यापार वार्ताओं में पारदर्शिता और संतुलन आवश्यक
Mr. Trump के हालिया दावे और भारत की ओर से आई प्रतिक्रिया इस बात की ओर इशारा करते हैं कि भारत-अमेरिका के बीच व्यापार वार्ताएं बेहद संवेदनशील और जटिल हैं। भारत को एक ओर अपने घरेलू उद्योगों को सुरक्षा देनी है, तो दूसरी ओर वैश्विक व्यापार में प्रतिस्पर्धी भी बने रहना है। यह संतुलन बनाना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। वहीं अमेरिका को भी यह समझना होगा कि भारत की आर्थिक संरचना, विकास की प्राथमिकताएं और घरेलू बाज़ार की ज़रूरतें अलग हैं। इसलिए व्यापार समझौते पारदर्शिता और आपसी समझदारी के आधार पर ही सफल हो सकते हैं।
इस प्रकार, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों में पारदर्शिता, समझदारी और संतुलन बनाए रखना दोनों देशों के हित में होगा।
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