Apara Ekadashi 2025
Apara Ekadashi 2025

Apara Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है, और अपरा एकादशी, जिसे अचला एकादशी भी कहा जाता है, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना, उपवास, भजन-कीर्तन और दान का विशेष महत्व होता है। पद्मपुराण के अनुसार, इस व्रत से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट होते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत न केवल जीवित व्यक्तियों के लिए, बल्कि प्रेतात्माओं के लिए भी मुक्ति का कारण बनता है।

Apara Ekadashi 2025 व्रत कथा

महाभारत के अनुशासन पर्व में वर्णित है कि जब युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम और महात्म्य पूछा, तो भगवान ने बताया कि इस एकादशी का नाम ‘अपरा’ है। यह व्रत बड़े-बड़े पापों का नाश करने वाला है।

भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि जो व्यक्ति ब्रह्महत्या, गोत्र की हत्या, गर्भस्थ बालक की हत्या, परनिंदा, परस्त्रीगमन, झूठी गवाही, माप-तोल में धोखा, बिना ज्ञान के ज्योतिष का अभ्यास, कूटनीति से वैद्य का कार्य करने जैसे पाप करता है, वह अपरा एकादशी का व्रत करने से पापमुक्त हो जाता है। यह व्रत क्षत्रिय धर्म से विमुख होकर युद्ध से भागने वाले, गुरु की निंदा करने वाले, और अन्य महापापों से युक्त व्यक्तियों को भी सद्गति प्रदान करता है।

भगवान श्रीकृष्ण ने यह भी बताया कि माघ माह में मकर राशि में सूर्य के स्थित होने पर प्रयाग में स्नान, काशी में शिवरात्रि व्रत, गया में पिंडदान, गोदावरी में स्नान, बदरिकाश्रम की यात्रा, सूर्यग्रहण के समय कुरुक्षेत्र में यज्ञ और दान आदि से जो पुण्य प्राप्त होता है, वही पुण्य अपरा एकादशी का व्रत करने से भी प्राप्त होता है।

व्रत विधि और पालन

Apara Ekadashi 2025 के दिन उपवासी व्रत रखें और भगवान विष्णु की पूजा करें। भजन-कीर्तन करें और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें। गरीबों को दान दें और विशेष रूप से अन्न का दान करें। व्रत के दिन सत्य बोलें, अहिंसा का पालन करें और किसी का दिल न दुखाएं।

इस दिन चावल का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि शास्त्रों के अनुसार, एकादशी के दिन चावल खाने से निम्न योनियों में पुनर्जन्म हो सकता है। भक्तों को शांत रहना चाहिए और किसी भी बहस से बचना चाहिए, क्योंकि यह दिन भगवान विष्णु का है और शांतिपूर्ण भक्ति मायने रखती है। 

Apara Ekadashi 2025 का महत्व

Apara Ekadashi 2025 का व्रत वह पुण्य अवसर है जब श्रद्धा और भक्ति से किया गया उपवास व्यक्ति को न केवल जीवन के पापों से मुक्त करता है, बल्कि उसे नारकीय कष्टों से भी छुटकारा दिलाता है। इस दिन भगवान श्रीविष्णु की विधिपूर्वक आराधना की जाती है। व्रती पूरे दिन निराहार रहकर भजन, कीर्तन और भगवान के नाम का स्मरण करते हैं। यह व्रत केवल जीवित प्राणियों के लिए ही कल्याणकारी नहीं, बल्कि उन आत्माओं के लिए भी मोक्षदायी माना गया है, जो किसी कारणवश मृत्युलोक में अटकी हुई हैं। यह व्रत आध्यात्मिक शुद्धि और ईश्वर की कृपा प्राप्त करने का अद्भुत माध्यम है।

इस प्रकार, Apara Ekadashi 2025 व्रत का पालन करके व्यक्ति अपने पापों से मुक्ति पा सकता है और मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। 

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