Exam preparation: सीबीएसई बोर्ड के प्री बोर्ड एग्जाम शुरू हो गए हैं। बोर्ड एग्जाम बच्चों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। एग्जाम्स का समय बच्चों के साथ-साथ उनके पैरेंट्स के लिए भी क्रिटिकल होता है, इस दौरान बच्चों का सारा ध्यान पढ़ाई पर होता है ऐसे में बहुत जरूरी है कि पेरेंट्स अपने बच्चों का सपोर्ट करें और उन्हें लगातार मोटिवेट करते रहें ताकि उनका मन पढ़ाई में लगे और वो बिना किसी प्रेशर के अपने एग्जाम्स की प्रिपरेशन कर पाए। बहुत जरूरी है कि एग्जाम के समय बच्चों की माता-पिता कुछ बातों का ध्यान रखें जिससे बच्चे एग्जाम के साथ-साथ लाइफ में भी अच्छा परफॉर्मेंस दे पाए:
Exam preparation के समय बच्चों पर ना बनाएं प्रेशर
यदि आपका बच्चा एग्जाम्स की प्रिपरेशन कर रहा है, ऐसे में बहुत जरूरी है कि उन पर किसी भी तरह का कोई भी प्रेशर ना डालें। Exam Preparation के समय अपने बच्चों को ये एहसास ना दिलाए कि उन्हें इस एग्जाम में अच्छी पोजीशन लानी है या फिर एक टारगेट परसेंटेज हासिल करना है। अपने बच्चों को मोटिवेट करें कि नंबर्स उनकी नॉलेज का निर्धारण नहीं कर सकता, इसलिए बहुत जरूरी है नॉलेज होना।
बच्चों को एहसास दिलाए कि आप उनके साथ हैं
पेरेंट्स के लिए बहुत जरूरी है कि Exam Preparation के दौरान बच्चों को ये एहसास दिलाते रहे की एग्जाम कैसा भी हो और रिजल्ट कैसा भी आए आप हमेशा उनके साथ है। बच्चों को जब ये एहसास होता है कि पैरेंट्स उनके साथ हर मोड़ पर खड़े हैं तो वो और भी ज्यादा उत्साहित होकर प्रिपरेशन करते हैं और एग्जाम में अच्छा परफॉर्मेंस देते हैं।
बच्चों का कंपेयर बिल्कुल ना करें
Exam आने वाले हैं और आप एग्जाम के समय अगर अपने बच्चों से बोलते हैं कि तुम्हारा भाई या तुम्हारी बहन हमेशा अच्छे नंबर लाती है और तुम्हें भी यही करना है तो ये उनके लिए बहुत ही हीन भावना वाली बात हो सकती है। पेरेंटिंग कोच के अनुसार हर बच्चा अलग होता है और उसकी क्षमता भी अलग होती है। कुछ बच्चे फास्ट लर्नर होते हैं वहीं कुछ बच्चे स्लो लर्नर होते हैं, इसलिए तुलना नहीं करनी चाहिए। आपका बच्चा जैसा है आप इस रूप में स्वीकार है। स्लो लर्नर भी लाइफ में अच्छा करते हैं। बस अपने बच्चों को उनके बेस्ट देने के लिए मोटिवेट करते रहें।
बच्चों पर ना डालें लक्ष्य का दबाव
यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा एग्जाम के साथ-साथ अपनी लाइफ में भी अच्छा करें तो उनको हल्का सा पुश करें लेकिन उनके ऊपर उनके टारगेट का प्रेशर ना डालें। उनके लिए ऐसा टारगेट सेट ना करें जो उनकी कैपेसिटी से बहुत ज्यादा हो। Exam Preparation के दौरान ज्यादा उम्मीदें बच्चों के दिमाग पर उल्टा असर डालती है। प्रेशर की वजह से बच्चा सही तरीके से पढ़ नहीं पता क्योंकि उसका दिमाग शांत नहीं हो पाता, इसलिए बच्चों की प्रयासों को सराहे और ऐसी उम्मीदें करें जो आपका बच्चा पूरा कर पाए।
अगर आप अपने बच्चों की पेरेंटिंग को सही तरह से करते हैं उनके साथ हमेशा खड़े रहते हैं। उनका सपोर्ट करते हैं तो यकीन मानिए आपका बच्चा आगे चलकर सिर्फ अच्छा इंसान बन सकता है बल्कि अपनी लाइफ में अच्छा करियर भी बना सकता है। तो बहुत जरूरी है कि जब आपके बच्चे को आपके सपोर्ट की जरूरत है तो आप उसके लिए वहां हमेशा अवेलेबल रहे।
