Breaking News: Tejas Crash की घटना ने पूरी दुनिया को स्थापित करके रख दिया है। Tejas Crash का असर भारत और आर्मेनिया के बीच होने वाले डील पर भी पड़ा। दरअसल आर्मेनिया भारत से तेजस फाइटर जेट खरीद रहा था लेकिन अब उसने इस बातचीत को बीच में ही रोक दिया है, ये जानकारी इजरायली मीडिया येरूसलम पोस्ट से सामने आई। आर्मेनिया ने ये फैसला 21 नवंबर को उस समय लिया जब दुबई एयर शो में तेजस क्रेश (Tejas Crash) हो चुका था
Breaking News: Tejas Crash से आर्मेनिया-भारत की डील रुकी
दैनिक भास्कर की न्यूज़ रिपोर्ट की माने तो भारत से करीब 10,000 करोड़ रुपए में आर्मेनिया 12 तेजस विमान खरीदना की डील कर रहा था। भारत-आर्मेनिया की डील अपने फाइनल स्टेज तक पहुंच चुकी थी। लेकिन दुबई में हुए तेजस क्रेश की वजह से ये डील बीच में ही अटक गई। हालांकि अभी इस डील के बारे में आर्मेनिया सरकार की तरफ से कोई भी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, वहीं भारत सरकार ने भी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
आर्मेनिया के रक्षा मंत्री ने दिया बड़ा बयान
पिछले महीने आर्मेनिया की रक्षा मंत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान इस बात का खंडन भी किया था कि भारत और आर्मेनिया के बीच तेजस फाइटर जेट को लेकर कोई डील हो रही है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट में भी इस बात को हाईलाइट किया गया था कि मिस्र, आर्मेनिया और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों को भारत तेजस फाइटर बेचना चाहता है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि दुबई एयर शो हादसे के दौरान भारत को एक बड़ा झटका लग सकता है।
क्या कहना है एक्सपर्ट्स का?
HAL के अनुमान के अनुसार Tejas Crash Accident का डील पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि Airshow में इस तरह के हादसे होते रहते हैं। वहीं कुछ एक्सपर्ट का भी मानना है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि एयरशो के दौरान हादसा हुआ है, इससे तेजस Airjet की क्षमता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। आपको बता दे की F16 और F35 जैसे अमेरिकी एडवांस्ड फाइटर जेट भी हाथों का शिकार हो चुके हैं।
आखिर क्यों है तेजस की इतनी डिमांड?
इंडियन एयर फोर्स में इस समय तेजस टॉप फाइटर जेट में शामिल है। तेजस में बहुत ही ऐसी खूबियां है जो नॉर्मल फाइटर जेट में नहीं पाई जाती। इसकी सबसे बड़ी खूबी ये है कि इस विमान के 50% तक के पुर्जे भारत में ही तैयार किए गए हैं। इसके अलावा इसमें मॉडर्न टेक्नोलॉजी का EL/M 2052 रडार लगाया गया है, जो इजराइल से मंगाया गया था। इस टेक्नोलॉजी की वजह से तेजस एक साथ 10 टारगेट को ट्रैक करता है और उस पर सीधा निशाना लगा सकता है।
इतना ही नहीं इसे टेक ऑफ करने के लिए बहुत ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती यानि अगर रनवे 460 मी का है तो ये फाइटर जेट आसानी से टेक ऑफ कर सकता है। इसके अलावा ये एक हल्का फाइटर जेट है, इसका वजन 6500 किलो का है।
Tejas Crash एक बड़ा हादसा था अब देखना ये है कि क्या ग्राहकों में तेजस को लेकर अभी भी विश्वास बना रहेगा? क्या भारत और आर्मेनिया के बीच Tejas Deal होगी? इसके बारे में भले ही कुछ कन्फर्मेशन ना मिली हो लेकिन तेजस क्रेश बाकी में एक दुखद हादसा था जिसमें हमारे देश के बहादुर नामांश शहीद हो
