Fatima Sana
Fatima Sana

Fatima Sana: बॉलीवुड की टैलेंटेड अभिनेत्री Fatima Sana एक आत्मनिर्भर और सशक्त अभिनेत्री है हाल ही में उन्होंने अपने चाइल्ड आर्टिस्ट के दिनों को याद करते हुए जो बातें साझा कीं, Fatima Sana का बचपन जितना अच्छा दिखता था उतना ही मुश्किल भरा था। 

जब सेट पर सुनाई देती थीं ‘बड़ों’ की बातें

Fatima Sana ने फिल्मफेयर के शो ‘In The Ring With Filmfare’ में खुलासा किया कि जब वो छोटी थीं और फिल्मों में चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में काम करती थीं, तो सेट पर उन्हें ऐसी बातें सुननी पड़ती थीं, जो किसी भी बच्चे के लिए सही नहीं थीं। उन्होंने कहा, “मैं वयस्कों के बीच की वो सब बातें सुनती थी, जो बच्चों के लिए नहीं होतीं। उस समय ये सब नॉर्मल लगता था, लेकिन आज समझ आता है कि वो मेरे लिए ठीक नहीं था।”

15 घंटे की शूटिंग और बिना गाइडेंस के संघर्ष

Fatima Sana ने बताया की कैसे उन्हे काभी काभी 15 – 15 घंटे काम करना पड़ता था, उनके माता-पिता साथ में होते थे, लेकिन एक बार शूटिंग शुरू होने के बाद बच्चों की निगरानी बहुत कम होती थी। उन्होंने कहा, “अब समय बदल गया है। आज के चाइल्ड आर्टिस्ट्स के लिए सख्त नियम हैं, सीमित घंटे हैं और पेरेंट्स की मौजूदगी ज़रूरी है। पहले ऐसा नहीं था।”

‘चाची 420’ से लेकर ‘इश्क’ तक – शुरुआती सफर

बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट Fatima Sana ने  “चाची 420”, “इश्क”, “बड़े दिल वाला” जैसी और भी फिल्मोंमें काम करके भले की एक नई पहचान मिली, लेकिन उस समय की मानसिक और भावनात्मक परेशानियों को वो आज भी नहीं भूल पाई हैं। उन्होंने कहा, “जब आप बच्चे होते हैं, तो आपको ये नहीं पता होता कि क्या सही है और क्या गलत। आप सिर्फ वही करते हैं जो आपसे कहा जाता है।”

आज की फातिमा — आत्मनिर्भर और सशक्त

Fatima Sana एक ससक्त और आत्मनिर्भर अभिनेत्री हैं “दंगल” में गीता फोगाट ने उन्हे अलग पहचान दिलाई, लेकिन उस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने न जाने कितने त्याग किए, कितनी कठिनाइयों से गुज़रीं — ये अब जाकर सबके सामने आया है।

Fatima Sana की आने वाली फिल्में

 वर्कफ्रंट की बात करें तो Fatima Sana कई दमदार प्रोजेक्ट्स में नजर आने वाली हैं। वह मनीष मल्होत्रा के प्रोडक्शन में बन रही रोमांटिक ड्रामा ‘उल जलूल इश्क’ में विजय वर्मा के साथ दिखेंगी। साथ ही अनुराग बसु की मल्टीस्टारर फिल्म ‘मेट्रो…इन दिनों’, आर. माधवन के साथ ‘आप जैसा कोई’, और तमिल फिल्म ‘अरुवी’ के हिंदी रीमेक में भी नजर आएंगी।

बदलते समय के साथ बढ़ी जागरूकता

Fatima Sana ने बात की आज का कानून बच्चों को लेकर जितना संवेदनशील अब है तब एस नहीं था अब उनके वेलफेयर के लिए कानून भी हैं। उन्होंने कहा, “मैं नहीं चाहती कि कोई और बच्चा उस दौर से गुज़रे जिससे मैं गुज़री थी। अब वक्त बदल चुका है और ये देखकर खुशी होती है।”

Fatima Sana की यह कहानी न सिर्फ एक चाइल्ड आर्टिस्ट के संघर्ष को बयां करती है, बल्कि बॉलीवुड की उस हकीकत को भी उजागर करती है जो पर्दे के पीछे छुपी रहती है।

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