टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा के एक दिन बाद ही भारतीय क्रिकेट के सुपरस्टार विराट कोहली अपनी पत्नी और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के साथ मंगलवार को Vrindavan पहुंचे। यहां उन्होंने प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु स्वामी प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। यह पहला मौका नहीं है जब यह सेलिब्रिटी जोड़ा वृंदावन में देखा गया हो। दोनों पहले भी कई बार आध्यात्मिक शांति की तलाश में यहां आ चुके हैं और स्वामी प्रेमानंद जी के अनुयायी माने जाते हैं।
Virat Kohli and Anushka Sharma at Prema Nand Ji Maharaj 🙇
— RCBIANS OFFICIAL (@RcbianOfficial) May 13, 2025
विराट और अनुष्का की यह यात्रा तब हुई जब क्रिकेट फैंस उनके संन्यास की खबर को पचा भी नहीं पाए थे। विराट कोहली का वृंदावन दौरा इस बात का प्रतीक है कि उन्होंने अपने जीवन के नए अध्याय की शुरुआत आध्यात्मिक ऊर्जा और आशीर्वाद के साथ की है।
14 साल के शानदार टेस्ट करियर को कहा अलविदा
36 वर्षीय विराट कोहली ने 14 साल लंबे टेस्ट करियर को अलविदा कह दिया। जून 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू करने वाले विराट ने 123 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान उन्होंने 9,230 रन बनाए, जिसमें 30 शतक और 31 अर्धशतक शामिल हैं। उनका औसत 46.85 रहा और सर्वोच्च स्कोर 254* रहा। वे टेस्ट क्रिकेट में भारत के चौथे सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं, उनसे आगे केवल सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और सुनील गावस्कर हैं।
विराट की टेस्ट यात्रा की शुरुआत भले ही धीमी रही हो, लेकिन 2012 में एडिलेड टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 116 रन की पारी ने उन्हें एक भरोसेमंद बल्लेबाज़ के रूप में स्थापित किया। 2016 से 2019 के बीच का समय उनके टेस्ट करियर का स्वर्णिम काल रहा, जिसमें उन्होंने 43 टेस्ट में 4,208 रन बनाए, औसत 66.79 रहा और 16 शतक जड़े।
Vrindavan: नई शुरुआत से पहले आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार
हालांकि पिछले कुछ वर्षों में विराट का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा, खासकर 2020 के बाद, लेकिन 2023 में उन्होंने फिर से फॉर्म में लौटते हुए 671 रन बनाए। इसके बावजूद, विराट ने अब टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला लिया है, जो उनकी नई जीवन दिशा की ओर संकेत करता है।
Vrindavan यात्रा इस बदलाव की एक अहम कड़ी है। क्रिकेट के मैदान पर आक्रामक और फोकस्ड रहने वाले विराट को अब जीवन की दूसरी पिच पर खेलना है — एक ऐसी पिच जहां ध्यान, अध्यात्म और आत्मिक शांति की ज़रूरत होती है।
उनकी इस यात्रा से यह संदेश भी मिलता है कि जीवन में सफलता की ऊंचाइयों को छूने के बाद भी व्यक्ति को आत्ममंथन और आध्यात्मिक शांति की आवश्यकता होती है। विराट कोहली ने न केवल खेल के माध्यम से देश का नाम रोशन किया, बल्कि अब वे आध्यात्मिक रूप से भी अपने जीवन को एक नई दिशा देने की ओर अग्रसर हैं।
Vrindavan में विराट और अनुष्का की मौजूदगी इस बात का प्रतीक है कि आधुनिक जीवन और आध्यात्मिकता साथ चल सकते हैं। क्रिकेट से एक अध्याय समाप्त हुआ है, लेकिन विराट के जीवन की नई यात्रा अब शुरू हो चुकी है। फैंस को उम्मीद है कि मैदान के बाहर भी विराट कोहली उसी दृढ़ता और अनुशासन के साथ आगे बढ़ेंगे, जैसा उन्होंने क्रिकेट में दिखाया।
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