Low Sperm Count: आजकल की तेज़ रफ्तार और तनावपूर्ण जीवनशैली में पुरुषों की प्रजनन से जुड़ी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं, जिनमें सबसे आम है – Low Sperm Count यानी शुक्राणुओं की कम संख्या। यह समस्या न सिर्फ संतान प्राप्ति में रुकावट बनती है, बल्कि पुरुषों के आत्मविश्वास और मानसिक स्थिति पर भी गहरा असर डालती है।
आइए विस्तार से समझते हैं कि low sperm count क्या होता है, इसके क्या कारण हो सकते हैं, और आप इसे सुधारने के लिए किन जीवनशैली बदलावों और चिकित्सकीय उपायों का सहारा ले सकते हैं।
Low Sperm Count के मुख्य कारण क्या हैं?
Low sperm count का मतलब होता है वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या सामान्य से कम होना। सामान्य रूप से एक स्वस्थ पुरुष के वीर्य में प्रति मिलीलीटर लगभग 15 मिलियन या उससे अधिक शुक्राणु होने चाहिए। जब यह संख्या इससे कम होती है, तो उसे ओलिगोस्पर्मिया कहा जाता है।
इस समस्या के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
1. अत्यधिक तनाव और चिंता – लगातार मानसिक तनाव हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है।
2. धूम्रपान और शराब – नशीली चीज़ों का अधिक सेवन शुक्राणु उत्पादन को नुकसान पहुंचाता है।
3. गर्म वातावरण – बहुत ज्यादा गर्मी, जैसे कि गोदी में लैपटॉप रखने की आदत, शुक्राणु की गुणवत्ता को प्रभावित करती है।
4. पोषण की कमी – जिंक, फोलिक एसिड, और एंटीऑक्सीडेंट्स की कमी भी एक बड़ा कारण है।
5. मोटापा – अधिक वजन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम कर सकता है।
जीवनशैली में बदलाव जो बढ़ा सकते हैं शुक्राणु की संख्या
Low sperm count को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है अगर सही समय पर जीवनशैली में सुधार किए जाएं। नीचे कुछ आसान लेकिन असरदार उपाय दिए गए हैं:
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पौष्टिक आहार लें: अपने आहार में हरी सब्जियाँ, फल, अखरोट, अंडे, मछली और बीजों को शामिल करें। ये पोषक तत्व शुक्राणु की संख्या और गतिशीलता को बढ़ाने में मदद करते हैं।
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नियमित व्यायाम करें: योग और हल्का-फुल्का कार्डियो शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ाकर टेस्टोस्टेरोन को बेहतर बनाते हैं।
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धूम्रपान और शराब से दूरी: यदि आप नियमित रूप से धूम्रपान या शराब पीते हैं, तो तुरंत छोड़ें। ये दोनों ही शुक्राणुओं पर बुरा असर डालते हैं।
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पर्याप्त नींद लें: कम से कम 7-8 घंटे की गहरी नींद शरीर की हार्मोनल प्रणाली को संतुलित रखती है।
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लैपटॉप गोद में न रखें: लंबे समय तक गर्मी के संपर्क में रहना टेस्टिकल्स की कार्यक्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है।
Low Sperm Count के लिए संभावित चिकित्सकीय समाधान
जब जीवनशैली में बदलाव के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं होता, तो डॉक्टर की सलाह से कुछ विशेष इलाज लिए जा सकते हैं:
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हार्मोनल थेरेपी: FSH या टेस्टोस्टेरोन की कमी को पूरा करने के लिए दवाएं दी जाती हैं।
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संक्रमण का इलाज: अगर कोई संक्रमण शुक्राणुओं को प्रभावित कर रहा है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स दे सकते हैं।
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IUI और IVF जैसे उपाय: ये प्रजनन तकनीकें तब कारगर होती हैं जब शुक्राणुओं की संख्या बेहद कम हो।
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सर्जरी: कुछ मामलों में वेरिकोसील जैसी समस्याओं के लिए सर्जरी भी की जाती है।
Low sperm count कोई लाइलाज समस्या नहीं है। समय पर ध्यान देकर और सही कदम उठाकर इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। जरूरी है कि आप अपने शरीर की बात सुनें, संतुलित जीवनशैली अपनाएं और यदि ज़रूरत हो तो विशेषज्ञ से संपर्क करने में देर न करें।
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