पेशाब पर नियंत्रण न रहना, जिसे Urine Control की समस्या कहते हैं, एक आम लेकिन गंभीर स्थिति हो सकती है। यह परेशानी महिलाओं और बुजुर्गों में अधिक देखी जाती है, लेकिन किसी भी उम्र में हो सकती है। इसके पीछे मूत्राशय की कमजोरी, पेल्विक फ्लोर मसल्स का ढीलापन, या न्यूरोलॉजिकल बीमारियां जिम्मेदार हो सकती हैं। कई बार यह समस्या संक्रमण, डायबिटीज, या अधिक कैफीन सेवन के कारण भी होती है। बार-बार पेशाब आना, अचानक पेशाब का दबाव बनना और पेशाब रोक न पाना इसके आम लक्षण हैं। सही समय पर डॉक्टर की सलाह, कीगल एक्सरसाइज और संतुलित जीवनशैली से इस समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है।
Urine Control में कमी: किन बीमारियों का संकेत?
सीनियर यूरोलॉजिस्ट डॉ. जीवन अधिकारी के अनुसार, Urine Control न रहना कई बीमारियों का शुरुआती लक्षण हो सकता है। इनमें मूत्राशय की सूजन (सिस्टिटिस), मूत्र पथ संक्रमण (यूटीआई) और मूत्राशय कैंसर शामिल हैं। इसके अलावा, यह समस्या कमजोर पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों, तनाव, डायबिटीज, पार्किंसंस रोग, मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस), स्ट्रोक और कुछ सर्जरी के कारण भी हो सकती है।
कैसे करें बचाव और इलाज?
यदि आपको Urine Control की समस्या हो रही है, तो इसे हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। विशेषज्ञों के अनुसार, पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए कीगल एक्सरसाइज एक प्रभावी तरीका है। यह व्यायाम रोजाना करने से मूत्राशय की पकड़ मजबूत होती है और अचानक पेशाब के रिसाव की समस्या में राहत मिलती है। इसके अलावा, दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी जरूरी है क्योंकि यह मूत्राशय को स्वस्थ रखने और संक्रमण से बचाने में मदद करता है। थोड़े-थोड़े अंतराल में पेशाब करना भी फायदेमंद होता है।
कब सतर्क हों?
यदि आपको बार-बार पेशाब आने की समस्या हो रही है, पेशाब करते समय जलन महसूस होती है, या अचानक तेज़ पेशाब का दबाव बनता है जिसे रोक पाना मुश्किल हो रहा है, तो यह ‘Urine Control’ की गड़बड़ी का संकेत हो सकता है। यह स्थिति मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI), पेल्विक मसल्स की कमजोरी, या किसी गंभीर बीमारी का लक्षण भी हो सकती है। इसे नजरअंदाज न करें। समय पर उचित जांच और इलाज बहुत जरूरी है, वरना समस्या बढ़ सकती है। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत किसी योग्य डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और आगे का इलाज शुरू करें।
Urine Control की समस्या को नजरअंदाज न करें। समय पर पहचान और इलाज से न केवल असहजता से राहत मिलती है, बल्कि गंभीर बीमारियों से भी बचाव संभव है। स्वस्थ जीवन के लिए सजग रहें और आवश्यक कदम उठाएं।
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