अहमदाबाद के हठीजण इलाके में एक Rottweiler कुत्ते ने 4 महीने की बच्ची रुषिका को हमला कर मार डाला। यह घटना मंगलवार शाम को राधे रेजिडेंसी सोसाइटी में हुई, जब बच्ची की 17 वर्षीय मौसी हिना उसे टहलाने ले गई थीं। कुत्ता, जिसका नाम रॉकी था, अचानक हिना पर झपटा और बच्ची को उनकी गोद से खींच लिया। हमले में बच्ची को गंभीर सिर की चोटें आईं और अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया। हिना को भी कमर और पेट में चोटें आई हैं।
Rottweiler मालिक की गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने Rottweiler के मालिक, 50 वर्षीय दिलीप पटेल को लापरवाही से मौत का कारण बनने और खतरनाक जानवर को लापरवाही से संभालने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पटेल ने 4 साल पहले इस कुत्ते को पाला था, लेकिन न तो उसे नगर निगम में पंजीकृत कराया था और न ही नसबंदी कराई थी, जो कि 2023 के पशु जन्म नियंत्रण नियमों के तहत अनिवार्य है। नगर निगम के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि कुत्ता आक्रामक था और उसे अब एक शेल्टर में रखा गया है।
पालतू जानवरों के लिए कड़े नियमों की मांग
इस घटना के बाद, अहमदाबाद नगर निगम (AMC) ने पालतू कुत्तों के लिए नए नियमों पर विचार करना शुरू कर दिया है। अब सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों के लिए मज़ल (muzzle) पहनना अनिवार्य किया जा सकता है। इसके अलावा, पालतू कुत्तों का पंजीकरण और नसबंदी भी अनिवार्य की जा सकती है। AMC ने यह भी कहा है कि जो लोग इन नियमों का पालन नहीं करेंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना के बाद, PETA इंडिया ने गुजरात सरकार से आक्रामक विदेशी नस्लों जैसे Rottweiler, पिटबुल, डोगो अर्जेंटीनो आदि के प्रजनन, बिक्री और स्वामित्व पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। PETA का कहना है कि इन नस्लों का अक्सर अवैध डॉग फाइटिंग में उपयोग होता है और इन्हें अमानवीय तरीके से पाला जाता है।
Rottweiler पालने से पहले क्या ध्यान रखें?
Rottweiler एक शक्तिशाली और सुरक्षात्मक नस्ल है, लेकिन इन्हें पालने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
- प्रशिक्षण: इस नस्ल को शुरुआती उम्र से ही उचित प्रशिक्षण और समाजीकरण की आवश्यकता होती है।
- पंजीकरण और नसबंदी: स्थानीय नियमों के अनुसार कुत्ते का पंजीकरण और नसबंदी कराना अनिवार्य है।
- सुरक्षा उपकरण: सार्वजनिक स्थानों पर कुत्ते को मज़ल और मजबूत पट्टा पहनाना चाहिए।
- जिम्मेदार स्वामित्व: Rottweiler के व्यवहार पर नजर रखना और किसी भी आक्रामकता के संकेत पर तुरंत कार्रवाई करना आवश्यक है।
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