Caste Census : भारत की जनगणना प्रक्रिया में एक बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव होने जा रहा है। आज़ादी के बाद पहली बार जातिवार जनगणना (Caste Census) को आधिकारिक रूप से शामिल किया गया है, और इस बार इसकी प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और हाईटेक होने जा रही है। सरकार ने साफ कर दिया है कि 2026 की जनगणना के पहले चरण से ही Caste Census की शुरुआत की जाएगी। इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक टैबलेट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग किया जाएगा।
डिजिटल होगी पूरी प्रक्रिया
इस बार जनगणना कर्मियों को कागज़ और कलम की जगह इलेक्ट्रॉनिक टैबलेट दिए जाएंगे। इन टैबलेट में ही सभी आंकड़े दर्ज किए जाएंगे। इससे डेटा संग्रहण तेज़, सटीक और सुरक्षित होगा। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इन टैबलेट्स की जियो-फेंसिंग (Geo-Fencing) की जाएगी, जिससे डेटा सिर्फ तभी दर्ज किया जा सकेगा जब कर्मी संबंधित क्षेत्र में मौजूद होगा। इससे फर्जीवाड़े की गुंजाइश खत्म हो जाएगी और हर इलाके का असली डाटा सामने आएगा।
घर और सामान की भी होगी गणना
Caste Census का पहला चरण केवल लोगों की गिनती तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें घरों की स्थिति, और वहां मौजूद साजो-सामान जैसे साइकिल, मोटरसाइकिल, चारपहिया वाहन, मोबाइल फोन, फ्रिज, एसी आदि की भी गणना की जाएगी। यह प्रक्रिया समाज की आर्थिक स्थिति को समझने में मदद करेगी।
इसी चरण में शैक्षिक योग्यता, रोज़गार की स्थिति, और अन्य सामाजिक मानकों की भी जानकारी एकत्र की जाएगी। फिर अंतिम चरण में हर व्यक्ति की जाति को दर्ज किया जाएगा, जिससे साफ तस्वीर सामने आएगी कि किस जाति की संख्या कितनी है, और उनकी शिक्षा, आय और रोजगार की स्थिति क्या है।
AI से होगी तेजी से डेटा प्रोसेसिंग! Caste Census
इस पूरी प्रक्रिया में Artificial Intelligence (AI) की अहम भूमिका होगी। पहले जहां जनगणना के डेटा को प्रोसेस करने और रिपोर्ट तैयार करने में कई साल लग जाते थे, वहीं अब AI की मदद से ये आंकड़े कुछ ही महीनों में सामने आ जाएंगे। इससे सरकार को नीति निर्माण में तुरंत मदद मिलेगी और जातिगत असमानताओं को दूर करने के लिए योजनाएं ज़मीन पर जल्द उतर सकेंगी।
क्यों है ये जातिवार जनगणना खास?
पहली बार भारत में जाति आधारित आंकड़े इतने व्यापक स्तर पर और तकनीकी तरीके से जुटाए जा रहे हैं। इससे समाज के उन वर्गों को बेहतर तरीके से पहचाना जा सकेगा जिन्हें अभी तक योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पाया। इससे आरक्षण नीति, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच, और रोजगार अवसरों की योजना बनाने में सटीक आंकड़े मिल सकेंगे।
Caste Census 2026 न केवल एक तकनीकी बदलाव है, बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम भी है। टैबलेट और AI जैसे आधुनिक उपकरणों की मदद से अब डेटा सटीक और तेज़ी से मिलेगा। इससे सरकार को नीतियां बनाने और उन्हें सही लोगों तक पहुंचाने में वास्तविक मदद मिलेगी। आने वाले समय में यह जनगणना भारत के सामाजिक ढांचे को बेहतर और अधिक समानता आधारित बनाने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
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