Guwahati Floods: गुवाहाटी में हाल की भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। शहर के निचले इलाकों में पानी घुटनों से लेकर छाती तक भर गया है, जिससे लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। कई जगहों पर सड़कें तालाब जैसी दिख रही हैं और वाहन पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। स्कूलों में पानी भर जाने से कक्षाएं रद्द करनी पड़ीं, वहीं ऑफिस जाने वालों को लंबा जाम झेलना पड़ा। प्रशासन की ओर से राहत कार्य जारी है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल ऐसी स्थिति होती है, फिर भी स्थायी समाधान नहीं निकाला गया।
Guwahati Floods: स्कूलों में जलभराव, शिक्षा पर असर
भारी बारिश के कारण Guwahati Floods के कई स्कूलों में पानी भर गया है, जिससे कक्षाएं बाधित हुई हैं। रुक्मिणीगांव हाई स्कूल जैसे संस्थानों में ग्राउंड फ्लोर की कक्षाएं जलमग्न हो गई हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। स्कूल प्रशासन ने बताया कि हर साल बारिश के मौसम में ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, जिससे छात्रों की उपस्थिति और पढ़ाई पर असर पड़ता है।
यातायात व्यवस्था चरमराई! Guwahati Floods
Guwahati Floods के कारण सड़कों पर भयानक जलभराव हो गया है, जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। शहर के निचले इलाकों में पानी का स्तर इतना बढ़ गया कि दोपहिया और चारपहिया वाहन जगह-जगह फंस गए। ट्रैफिक जाम की वजह से लोग घंटों सड़क पर फंसे रहे। ऑफिस जाने वाले कर्मचारियों को समय पर पहुंचने में दिक्कतें हुईं, वहीं छात्र भी स्कूल नहीं जा पाए। कई जगहों पर बसें और ऑटो भी संचालन नहीं कर पाए, जिससे आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालात अब भी गंभीर बने हुए हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया और भविष्य की योजना! Guwahati Floods
गुवाहाटी नगर निगम के मेयर मृगेन सरनिया और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और drainage प्रणाली में सुधार के लिए चल रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जलभराव की समस्या को स्थायी रूप से हल करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
Guwahati Floods ने शहर की बुनियादी सुविधाओं की कमजोरियों को उजागर किया है। जलभराव, यातायात जाम और स्कूलों में पानी भरने जैसी समस्याएं दर्शाती हैं कि शहर को आपदा प्रबंधन और बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता है। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बावजूद, स्थायी समाधान के लिए दीर्घकालिक योजनाओं और उनके प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता है।
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