ITR Filing 2025: इनकम टैक्स डिपॉजिट करना भारत में ही नहीं अन्य देशों में भी एक अहम नियम है। प्रत्येक नागरिक को अपने इनकम टैक्स रिपोर्टिंग (ITR Filing 2025 ) का सही बुरा सरकार को देना होता है। ऐसी में आयकर विभाग में हाल ही में FY 2025-26 के लिए ऑनलाइन इनकम टैक्स रिटर्न (ITR Filing 2025) भरने की सुविधा जारी की है। टैक्स भरने वाले सभी प्लेयर्स अपने खाता का ऑडिट कराए बिना ही अपना आयकर भर सकते हैं। जिन लोगों ने अपने खातों का ऑडिट नहीं कराया है, उन्हें FY 2024-25 का अपना इनकम टैक्स रिटर्न ड्यू डेट से पहले ही फाइल करना होगा।
Central Board of Direct Taxes द्वारा पर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR Filing 2025) भरने की सीमा को 31 जुलाई से बढ़कर 15 सितंबर कर दिया है।
(ITR Filing 2025 ) HRA Fault
इनकम टैक्स (ITR ) भरते समय हर की छूट मिलती है कई बार ऐसा देखा जाता है कि इस छूट को पाने के लिए कर देता झूठी रिपोर्ट देते हैं। आपको बता दें कि छठ के लिए झूठ ज्यादा करने पर इनकम टैक्स द्वारा भरना पड़ सकता है। आयकर नियम 1961 के तहत हर की छूट के लिए झूठे दावे करने पर 200% तक का जुर्माना भरना होगा।
Wrong Tax resem
आयकर तथा जानते हैं की पर्सनल इनकम टैक्स हर फाइनेंशियल ईयर में पुरानी और नई रिज्यूम के मध्य में सूचित किया जा सकता है। ऐसे में फाइनेंशियल ईयर 2024 25 के लिए नई टैक्स रिज्यूम सरकार द्वारा सेट की गई है इस रिज़ीम में डिक्शन की कोई कमी नहीं है जबकि पुरानी रिज़ीम में टैक्स सेविंग स्कीम है इसमें टैक्स की दरें अलग-अलग हैं तो अपनी जरूरत के हिसाब से ही टैक्स रिज़ीम का चुनाव करना लाभदायक होगा।
knowledge of last employee
यदि आप अपने फाइनेंशियल ईयर के बीच में नौकरी बदलते हैं तो आपको अपने पिछले एंपलॉयर और सैलरी को भी रिपोर्ट करना बेहद जरूरी होता है। पिछली नौकरी को छोड़ते समय तक इत्र की सही जानकारी फॉर्म 16 में भरनी जरूरी होती है।
Exact Income
यदि आपकी इनकम टैक्स देने की सीमा से काम ही क्यों ना है। बावजूद इसकी आपको अपनी इनकम की सही जानकारी भरना जरूरी होता है। अपनी एग्जैक्ट इनकम इत्र में सही सेक्शन के तहत रिपोर्ट करनी चाहिए। टैक्स नियमों का पालन करना आपके लिए आगे जाकर कई तरह से फायदेमंद साबित होता है।
Incomplete Income reporting
इनकम टैक्स की बजट करने के लिए कई बार कर डाटा झूठ का सहारा लेता है और अपनी इनकम की सही रिपोर्टिंग नहीं करता इसके बाद उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अपनी अधूरी इनकम रिपोर्ट के ऊपर आपको 200% तक का जुर्माना देना पड़ता है जिसके ऊपर ब्याज भी लगाई जाती है इतना ही नहीं जुर्माना देने के बाद भी आपके ऊपर कार्यवाही चलती है।
Wrong ITR form
इनकम टैक्स भरते समय सही फॉर्म का चुनाव करना बेहद जरूरी है। कई बार करता था गलत फार्म का चुनाव करके मुसीबत में पड़ जाते हैं। गलत फॉर्म का चुनाव करने से इनकम टैक्स फाइलिंग वैलिड नहीं होती। इसके ऊपर करतादाता को जुर्माना देना पड़ता है। यदि करदाता अंतिम तिथि से पहले रिटर्न दाखिल न करें तो वह रिवाइज्ड रिटर्न का फायदा उठाकर आसानी से इनकम टैक्स भर सकता है।
AIS और Form 26AS
इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय फॉर्म्स की वेरिएशन का पता होना भी बेहद जरूरी है। इनकम टैक्स दाखिल करते समय करतादाता को अपने AIS और 26AS फॉर्म के स्टेटमेंट को कई बार वेरीफाई नहीं करते, जिससे इनकम टैक्स रिटर्न कैंसिल हो जाता है। इसीलिए सही फॉर्म के साथ सही वेरिएशन और स्टेटमेंट के साथ ही फॉर्म को वेरीफाई करके इनकम टैक्स रिटर्न भरना चाहिए।
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