Mission Sankalp a-big-action-on-Maoist
Mission Sankalp a-big-action-on-Maoist

पाहलगाम आतंकी हमले के बदले में शुरू हुए मिशन सिन्दूर की सफलता के दौरान अब भारतीय सेना ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। मिशन संकल्प (Mission Sankalp) छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर के पास बीजापुर जिले के करेगुट्टा पहाड़ियों में चल रहे इस अभियान में अब तक 15 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया गया है। यह मिशन 24,000 जवानों की तैनाती के साथ 21 अप्रैल से जारी है।

माओवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई

पिछले साल पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद भारतीय सेना ने मिशन सिन्दूर के तहत आतंकियों का सफाया किया था। अब उसी दृढ़ संकल्प के साथ एक और व्यापक अभियान शुरू हुआ है मिशन संकल्प (Mission Sankalp)। यह अभियान 21 अप्रैल से छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित बीजापुर जिले के घने जंगलों में चल रहा है।

मिशन संकल्प का आगाज़

सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में अब तक 15 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया गया है। मुठभेड़ की शुरुआत मंगलवार सुबह हुई जब सुरक्षा बलों ने एक संयुक्त ऑपरेशन के तहत जंगलों में छिपे माओवादियों को घेरा। मिशन संकल्प (Mission Sankalp) के तहत बड़ी संख्या में भारतीय वायुसेना (IAF) की भी तैनाती की गई है, और अभियान में कुल 24,000 जवानों को लगाया गया है।

शीर्ष माओवादी नेताओं को निशाना बना रहा है मिशन संकल्प

मिशन संकल्प (Mission Sankalp) का मुख्य उद्देश्य बस्तर क्षेत्र से शीर्ष माओवादी नेताओं का सफाया करना है। यह जानकारी खुफिया सूत्रों से मिली थी कि माओवादियों की सबसे ताकतवर इकाई बटालियन नंबर 1 और तेलंगाना राज्य समिति के वरिष्ठ सदस्य इस क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्हें जमीनी कार्रवाई के जरिए बाहर निकालना और उनका समूल नाश करना अभियान का प्रमुख लक्ष्य है।

Mission Sankalp के चलते नक्सलियों पे ज़बरदस्त करीबही

अब तक के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 से अब तक कुल 213 नक्सलियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, वहीं 203 ने आत्मसमर्पण किया है। इसके अलावा विभिन्न मुठभेड़ों में 90 नक्सली मारे गए हैं। यह सब मिशन संकल्प (Mission Sankalp) की रणनीति का ही हिस्सा है।

 

पुनर्वास योजना के ज़रिए आत्मसमर्पण को बढ़ावा

मिशन संकल्प (Mission Sankalp) न केवल एक सैन्य ऑपरेशन है, बल्कि यह सामाजिक पुनर्वास का माध्यम भी है। आत्मसमर्पण करने वाले प्रत्येक नक्सली को सरकार द्वारा ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि चेक के रूप में दी जा रही है। इसका उद्देश्य हिंसा का मार्ग छोड़ चुके लोगों को समाज की मुख्यधारा में लाना है।

यह भी पढ़ें: पहलगाम हमले का जवाब: Vikram Misri ने बताया, ऑपरेशन सिंदूर से कैसे नष्ट किए गए आतंकी अड्डे