Nautapa 2025: हर साल मई के अंत में जब गर्मी अपने चरम पर होती है, तब एक विशेष अवधि शुरू होती है जिसे ‘नौतपा’ कहा जाता है। यह नौ दिनों की वह अवधि होती है जब सूर्य की तपिश सबसे अधिक महसूस होती है। नौतपा 2025 की शुरुआत 25 मई से होगी और यह 8 जून तक चलेगा। इस दौरान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है, जिससे पृथ्वी पर गर्मी का प्रभाव और भी बढ़ जाता है।
Nautapa 2025 की वैज्ञानिक और ज्योतिषीय व्याख्या
Nautapa 2025 के दौरान सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी कम हो जाती है, जिससे सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होता है, तब उसकी किरणें पृथ्वी पर तीव्र गर्मी लाती हैं। यह स्थिति विशेष रूप से मध्य भारत में अधिक प्रभावी होती है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, यह समय पृथ्वी की कक्षा में सूर्य के निकटतम होने का संकेत देता है, जिससे तापमान में वृद्धि होती है।
Nautapa 2025 का कृषि और पर्यावरण पर प्रभाव
भारतीय परंपरा में माना जाता है कि Nautapa 2025 के दौरान जितनी अधिक गर्मी पड़ती है, उस वर्ष मानसून उतना ही अच्छा होता है। किसानों के लिए यह समय महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह आगामी फसल की तैयारी का संकेत देता है। यदि इस अवधि में पर्याप्त गर्मी नहीं होती है, तो कीट-पतंगे और अन्य हानिकारक जीव सक्रिय रह सकते हैं, जो फसलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए, नौतपा की तीव्र गर्मी कृषि के लिए लाभकारी मानी जाती है।
Nautapa 2025 में पालन करने योग्य परंपराएं और सावधानियां
Nautapa 2025 के दौरान शरीर को ठंडा रखने और गर्मी से बचाव के लिए कई परंपराएं और सावधानियां अपनाई जाती हैं:
- ठंडी चीजों का दान: इस अवधि में पानी, सत्तू, पंखा, छाता, आम, नारियल और सफेद कपड़ों का दान करना शुभ माना जाता है। यह परंपरा समाज के कमजोर वर्गों को गर्मी से राहत प्रदान करने के उद्देश्य से है।
- निर्माण और खुदाई से परहेज: नौतपा के दौरान निर्माण कार्य और जमीन की खुदाई से बचना चाहिए, क्योंकि यह वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है।
- मंगल कार्यों से दूरी: विवाह, सगाई, मुंडन जैसे शुभ कार्यों को इस अवधि में टालना उचित माना जाता है।
- भारी भोजन और यात्रा से बचाव: मसालेदार भोजन, मांस-मदिरा का सेवन और लंबी यात्राओं से परहेज करना चाहिए, विशेषकर बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को।
- क्रोध और विवाद से दूरी: गर्मी के कारण मानसिक तनाव बढ़ सकता है, इसलिए शांत और संयमित रहना आवश्यक है।
Nautapa 2025 न केवल एक खगोलीय घटना है, बल्कि यह भारतीय परंपरा और कृषि के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस अवधि में गर्मी से बचाव के लिए उचित सावधानियां बरतना और परंपराओं का पालन करना न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि समाज में सामूहिक सहयोग और सहानुभूति की भावना को भी बढ़ाता है।
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