New Excise Policy
New Excise Policy

New Excise Policy: मध्य प्रदेश में पहली बार “Low Alcoholic Beverage Bar” की नई शराब नीति लागू की जाएगी। इसके तहत 17 पवित्र शहरों के साथ-साथ 19 जगहों पर शराब की बिक्री पर बैन लगाया जाएगा। एक आधिकारिक न्यूज़ एजेंसी की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार Ban होने के बाद खोले गए नये बारो में Wine, Bear और Ready to Drink Alcoholic Beverages पीने की Permission दी जायेगी। स्प्रिट के सेवन पर प्रतिबंध लगाया जायेगा। आईए जानते हैं नई शराब नीति कबसे लागू हो रही है और किन-किन शहरों मे ये लागू की जायेगी

New Excise Policy: इन शहरों में शराब बेचने पर होगा Ban

मध्य प्रदेश के पवित्र शहरों जैसे कि उज्जैन, ओंकारेश्वर, मंदसौर, महेश्वर, ओरछा, मुलताइ, मंडलेश्वर, मंडला, दतिया, मैहर, चित्रकूट, पन्ना, बरमान, बरमान खुर्द, कुंडलपुर ग्राम पंचायत, सलकनपुर, लिंगा, बांदकपुर और अमरकंटक मे शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। आपको बता दें 23 जनवरी को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की तरफ से नई आबकारी नीति( New Excise Policy) को मंजूरी मिलने के बाद इस प्रतिबंध की घोषणा की गई थी। 

New Excise Policy के तहत राज्य सरकार को होगा तगड़ा नुकसान

मिल रही जानकारी के अनुसार 1 अप्रैल से New Excise Policy को लागू कर दिया जाएगा इसके बाद आबकारी राजस्व में लगभग 450 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। आपको बता दे वर्तमान समय में पूरे मध्य प्रदेश राज्य में 460 से 470 तक बियर बार हैं। लेकिन 1 अप्रैल के बाद मध्य प्रदेश के 17 पवित्र शहरों सहित 19 जगहों पर कुल 47 शराब की दुकानों को बंद किया जाएगा। 1 अप्रैल के बाद इन शहरों में किसी भी प्रकार का बार और वाइन आउटलेट का लाइसेंस नहीं दिया जाएगा और इसे चलाने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी।  इतना ही नहीं पहले से चलने वाली शराब की दुकानों का ट्रांसफर भी नहीं किया जाएगा। 

क्या New Excise Policy लागू होने के बाद शराब पीने पर भी लगेगा प्रतिबंध

नही! New Excise Policy लागू होने के बाद शराब पीने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगेगा सरकार की तरफ से जिन 19 शहरों में अल्कोहलिक “Low Alcoholic Beverage Bar” की नीति लागू की जाएगी वहां के स्थानीय लोग यदि बाहर क्षेत्र से लाकर शराब पीते हैं तो उन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया। 

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New Excise Policy लागू होने के बाद वाइन शॉप पर वाइन और हेरिटेज शराब की बिक्री को मंजूरी दी जाएगी। इतना ही नहीं Airports पर भी हेरिटेज शराब बेची जा सकती है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से आज से 4 साल पहले आदिवासी समुदायों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए हेरिटेज मदिरा बनाने की घोषणा की गई थी। इस तरह की शराब महुआ और कुछ चुने हुए फूलों से बनती है।

मध्य प्रदेश में इस तरह की शराब आदिवासी स्वयं सहायता समूहों की तरफ से बनाई जाती है। “Low Alcoholic Beverage Bar” की नई नीति में ये कहा गया है कि ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर और भोपाल के एयरपोर्ट पर विदेशी मदिरा  काउंटर खोले जा सकेंगे। 

कमर्शियल उद्देश्यों के लिए मिलेंगे लाइसेंस

आबकारी विभाग(Excise Department) की तरफ से बताया गया है कि यदि कोई कमर्शियल आयोजन होता है तो उसके लिए कुछ समय के लिए वैध लाइसेंस दिए जा सकेंगे, लेकिन उनकी फीस अलग होगी। इस लाइसेंस के जरिए शराब का उपयोग किया जा सकता है। व्यक्तियों की संख्या के आधार पर फीस का निर्धारण किया जाएगा-

  • यदि 500 व्यक्तियों का कमर्शियल लाइसेंस लिया जाता है तो उसके लिए 25,000 रुपये की फीस देनी होगी। 
  • 1000 व्यक्तियों के लिए 50,000 रुपये कॉमर्शियल लाइसेंस फीस है।
  • 2000 व्यक्तियों के लिए 75,000 रुपए और 5000 व्यक्ति के लिए 1 लाख रुपए की लाइसेंस फीस निर्धारित की गई है। 
  • यदि 5000 से अधिक व्यक्तियों के लिए कमर्शियल लाइसेंस लिया जाता है तो इसके लिए 2 लाख रुपए की फीस देनी होगी। 

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