Pahalgam
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Pahalgam: पहलगाम, जिसे धरती का स्वर्ग कहा जाता है, एक बार फिर आतंकवाद की चपेट में आ गया है। हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में कई निर्दोष नागरिकों की जान गई, और कई घायल हो गए। यह घटना उस समय हुई जब Pahalgam में पर्यटकों की भीड़ अपने चरम पर थी और स्थानीय लोग बसंत पंचमी का उत्सव मना रहे थे।

आतंक की छाया में स्वर्ग: Pahalgam पर एक और वार

Pahalgam: यह हमला केवल एक क्षेत्रीय घटना नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा, रणनीति और कूटनीति को प्रभावित करने वाली गंभीर चुनौती बन गया है। Pahalgam, जो आमतौर पर अपने सुंदर नज़ारों और अमरनाथ यात्रा के लिए जाना जाता है, अब आतंकियों की साज़िशों का नया केंद्र बनता जा रहा है। इस क्षेत्र में पहले भी आतंकी गतिविधियां देखी गई हैं, लेकिन इस बार का हमला पहले से कहीं ज़्यादा सुनियोजित और भयावह था।

Pahalgam: भारत की कूटनीतिक प्रतिक्रिया

भारत सरकार ने इस बार केवल बयानबाज़ी तक खुद को सीमित नहीं रखा। केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इनमें सबसे बड़ा फैसला सिंधु जल संधि को लेकर देखने को मिला। इस संधि के तहत भारत पाकिस्तान को तीन नदियों का पानी देता है, लेकिन अब यह व्यवस्था खतरे में है।

Pahalgam हमले के बाद देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ जनाक्रोश बढ़ा है और सरकार पर दबाव बना कि वो केवल निंदा न करे, बल्कि कठोर कार्यवाही करे। इसी क्रम में भारत सरकार ने संकेत दिए हैं कि यदि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आया, तो सिंधु जल संधि की समीक्षा और संभवतः उसका निलंबन तय है।

Pahalgam: पाकिस्तान के पूर्व मंत्री की चिंता

पाकिस्तान के पूर्व कानून मंत्री अहमर बिलाल सूफी ने भी हालिया घटनाक्रम पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अगर भारत सिंधु जल संधि से पीछे हटता है, तो पाकिस्तान को भारी नुकसान होगा, क्योंकि उसके कृषि क्षेत्र और पीने के पानी का बड़ा हिस्सा इन्हीं नदियों पर निर्भर करता है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत पाकिस्तान के पास सीमित विकल्प हैं।

Pahalgam में आतंक पर सियासत नहीं, एकजुटता ज़रूरी

इस समय देश को सियासत नहीं, बल्कि एकजुटता की ज़रूरत है। Pahalgam में हुआ हमला केवल किसी एक राज्य या क्षेत्र की नहीं, पूरे भारत की अस्मिता पर हमला है। इस प्रकार की घटनाएं भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को कमजोर करने का प्रयास हैं।

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