Rajnath Singh -strengthens-defence-ties-with-Japan
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05 मई 2025 को नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ सेंटर में भारत के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और जापान के रक्षा मंत्री श्री जेन नाकातानी के बीच द्विपक्षीय बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में आतंकवाद की कड़ी निंदा की गई और रक्षा सहयोग को नए आयाम देने की दिशा में कई अहम निर्णय लिए गए। श्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने भारत की रक्षा क्षमताओं को भी प्रमुखता से प्रस्तुत किया।

आतंकवाद के खिलाफ भारत और जापान की एकजुटता

श्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और जापान के रक्षा मंत्री श्री जेन नाकातानी ने बैठक में वैश्विक आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हुए इसे मानवता के लिए गंभीर खतरा बताया। श्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने पाकिस्तान की ओर से प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद की आलोचना करते हुए इसे क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा करार दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विश्व समुदाय को आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट होना चाहिए। जापानी मंत्री ने भी 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर गहरा दुख व्यक्त किया और भारत के साथ पूर्ण समर्थन का भरोसा दिलाया।

दोनो देशों के बीच बढ़ता रक्षा सहयोग

श्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और श्री नाकातानी ने भारत-जापान के विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी की समीक्षा की और इसे और अधिक मजबूत बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने रक्षा अभ्यासों की बढ़ती विविधता और आवृत्ति का स्वागत किया तथा इन्हें और अधिक व्यापक और जटिल बनाने पर सहमति व्यक्त की। श्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने समुद्री सहयोग को नई दिशा देने की आवश्यकता पर भी बल दिया, जिससे दोनों देशों के सामरिक हितों को मजबूती मिल सके।

 

तकनीक और रक्षा उद्योग में मिलकर काम करने पर देंगे जोर: Rajnath Singh

बैठक के दौरान श्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने भारत की रक्षा उत्पादन क्षमताओं, विशेषकर टैंक इंजन और एयरो इंजन के क्षेत्रों में संभावित सहयोग की बात रखी। उन्होंने ‘मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल’ (MRO) क्षमताओं को भी उजागर किया और जापान को भारत के साथ साझेदारी के लिए आमंत्रित किया। दोनों पक्षों ने ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे उन्नत क्षेत्रों में सहयोग को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया। इसके अलावा साइबर सुरक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में भी संयुक्त कार्ययोजना पर सहमति बनी। श्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने इस बातचीत को भारत-जापान रक्षा संबंधों के लिए एक नया अध्याय बताया।

 

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