नई दिल्ली: दुनियाभर के बाजार एक बार फिर Share Market Crash की चपेट में आ गए हैं, जिसकी सबसे बड़ी वजह है अमेरिका और चीन के बीच फिर से शुरू हुआ टैरिफ वॉर. अमेरिका द्वारा चीन पर लगाए गए 104% टैरिफ और उसके जवाब में चीन की प्रतिक्रिया ने वैश्विक बाजारों में घबराहट पैदा कर दी है. भारत में इसका असर साफ तौर पर देखा गया, जब बुधवार को बाजार खुलते ही सेंसेक्स में 409 अंकों की गिरावट दर्ज की गई और निफ्टी भी 0.34% फिसल गया.
अमेरिकी टैरिफ का भारतीय बाजार पर सीधा असर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर 104% टैरिफ की घोषणा के बाद Share Market Crash का माहौल बन गया. अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि अगर चीन 8 अप्रैल तक जवाबी टैरिफ वापस नहीं लेता, तो वे सख्त कदम उठाएंगे. चीन के इंकार के बाद अमेरिका ने टैरिफ का दायरा बढ़ा दिया, जिससे ग्लोबल बाजारों में नकारात्मक माहौल पैदा हो गया.
RBI के फैसले पर टिकी उम्मीदें
बाजार की निगाहें अब RBI की मौद्रिक नीति पर हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक 0.25% तक ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. हालांकि, अगर 0.5% तक कटौती होती है, तो यह Share Market में इन्वेस्टर के लिए खुशखबरी हो सती है।
सेंसेक्स और निफ्टी का हाल
बुधवार को कारोबार की शुरुआत भारी गिरावट के साथ हुई.
- BSE Sensex 409 अंक गिरकर 73,817.30 पर खुला
- NSE Nifty 0.34% की गिरावट के साथ 22,460.30 पर पहुंचा
इस गिरावट के कारण निवेशकों की दौलत में भी भारी नुकसान हुआ. Share Market Crash शब्द अब फिर से ट्रेंड में है, क्योंकि यह गिरावट सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अमेरिका, चीन और यूरोप के बाजारों तक फैली हुई है.
फार्मा सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित
डोनाल्ड ट्रंप के ताज़ा टैरिफ ऐलान में फार्मास्युटिकल उत्पादों को भी शामिल किए जाने की बात कही गई है. भारत अमेरिका को दवाओं का सबसे बड़ा निर्यातक है. ऐसे में Sun Pharma, Lupin, Dr. Reddy’s, Aurobindo Pharma और Gland Pharma जैसी कंपनियों के शेयरों पर बुरा असर पड़ा है.
अमेरिका में भी गिरा बाजार
अमेरिकी बाजार भी इस संकट से अछूता नहीं रहा.
- Dow Jones 320 अंकों की गिरावट के साथ 37,645.59 पर बंद हुआ
- S&P 500 1.57% टूटकर 4,982.77 पर बंद हुआ
S&P 500 अब अपने ऊंचे रिकॉर्ड से 19% नीचे है, जो मंदी (Recession) की ओर इशारा करता है. अमेरिका में लगातार चार दिनों से गिरावट देखने को मिली है, जिससे Share Market Crash इन्वेस्टर को परेशान कर सकता है।
निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत
विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल बाजार में अनिश्चितता बनी रहेगी. निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे फिलहाल जोखिम भरे निवेश से बचें और RBI की नीतियों, अमेरिका-चीन के बीच जारी टैरिफ वॉर, और वैश्विक संकेतों पर करीबी नजर रखें.
Share Market Crash की यह नई लहर सिर्फ बाजारों के उतार-चढ़ाव की कहानी नहीं है, बल्कि यह आने वाले समय की आर्थिक नीतियों और वैश्विक संबंधों का भी संकेत है. भारत के लिए RBI की पॉलिसी बेहद अहम साबित हो सकती है. अगर ब्याज दरों में पॉजिटिव कटौती होती है, तो यह बाजार को राहत दे सकता है।
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