नई दिल्ली, 6 अप्रैल: सोमवार की सुबह शेयर बाजार (Share Market) के निवेशकों के लिए एक बुरे सपने जैसी रही,Share market crash की शुरुआत होते ही सेंसेक्स करीब 3,900 अंक और निफ्टी 1,100 अंक तक गिर गया। इस जोरदार गिरावट में निवेशकों के लगभग ₹19 लाख करोड़ रुपये साफ हो गए।
BSE पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 403.35 लाख करोड़ से घटकर 383.95 लाख करोड़ रुपये रह गया है। इस तरह के भारी share market crash ने निवेशकों के दिलों की धड़कनें तेज कर दी हैं।
अमेरिका-चीन टैरिफ वॉर बना गिरावट की बड़ी वजह
इस share market crash के पीछे सबसे बड़ा कारण रहा अमेरिका द्वारा चीनी सामान पर भारी टैरिफ लगाना। जवाब में चीन ने भी अमेरिकी सामान पर टैरिफ बढ़ा दिया है, जिससे पूरी दुनिया में ट्रेड वॉर की आशंका गहरा गई है।
अमेरिकी स्टॉक फ्यूचर्स, बॉन्ड यील्ड, और कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट देखने को मिल रही है, जिससे वैश्विक निवेशकों में चिंता की लहर दौड़ गई है।
एशियाई बाजारों में भी लहूलुहान हालात
- हॉन्ग कॉन्ग का हेंग सेंग इंडेक्स 10% से अधिक गिरा, जो 2008 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है।
- चीन का CSI300 इंडेक्स 5% लुढ़का।
- टोक्यो का Nikkei 225 इंडेक्स 9% तक गिरा।
- ऑस्ट्रेलिया का S&P/ASX 200 6.07% नीचे आया।
- साउथ कोरिया का Kospi इंडेक्स 4.34% की गिरावट के साथ खुला।
यह साफ संकेत है कि share market crash केवल भारत में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में तेज़ी से फैल रहा है।
घरेलू निवेशकों में डर का माहौल
भारत में भी निवेशकों के बीच डर का माहौल है। एक ओर जहां अंतरराष्ट्रीय तनाव है, वहीं दूसरी ओर देश में भी कई बड़े आर्थिक इवेंट्स आने वाले हैं:
- 9 अप्रैल को RBI की MPC मीटिंग का नतीजा आएगा।
- 11 अप्रैल को IIP और CPI के आंकड़े जारी होंगे।
- 10 अप्रैल से TCS के रिजल्ट के साथ earning season की शुरुआत होगी।
इन सभी कारकों ने मिलकर बाजार में और अनिश्चितता बढ़ा दी है, जिससे share market crash और तेज हो गया।
सेंसेक्स और निफ्टी का हाल
- शुक्रवार को सेंसेक्स 75,364 पर बंद हुआ था, लेकिन सोमवार को यह 71,449 पर खुला, यानी 3,915 अंक की गिरावट।
- निफ्टी शुक्रवार को 22,904 पर बंद हुआ था, लेकिन सोमवार को यह 21,758 पर खुला — यानी 1,145 अंक की गिरावट, यह गिरावट दर्शाती है कि share market crash ने बाजार की नींव को हिला दिया है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
जानकारों की सलाह है कि फिलहाल निवेशकों को धैर्य रखना चाहिए और किसी भी घबराहट में शेयर न बेचें।
ये गिरावट लंबे समय के निवेशकों के लिए एक मौका भी साबित हो सकती है, लेकिन शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स को सतर्क रहने की जरूरत है।
इस समय शेयर बाजार की स्थिति बेहद नाजुक है अंतरराष्ट्रीय व्यापार तनाव, घरेलू अनिश्चितता और एशियाई बाजारों में भारी गिरावट — इन तीनों ने मिलकर भारतीय share market crash को और गहरा बना दिया है। आने वाले दिनों में RBI और कंपनियों के नतीजे इस बाजार को दिशा देंगे।
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