नई दिल्ली: भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुका UPI एक बार फिर Down हो गया है। शनिवार सुबह से ही देशभर में लाखों यूजर्स को UPI Down की वजह से पेमेंट करने में दिक्कत का सामना करना पड़ा। डाउन डिटेक्टर की रिपोर्ट के अनुसार, सुबह 11:26 बजे से UPI Down की समस्या शुरू हुई और 11:41 बजे तक 222 से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं।
पेटीएम (Paytm), गूगल पे (Google Pay) और अन्य प्रमुख पेमेंट प्लेटफॉर्म्स पर ट्रांजैक्शन फेल हो रहे हैं, जिससे आम लोग, व्यापारी और छोटे दुकानदार बेहद परेशान हैं। UPI Down पिछले एक साल में छठवीं बार इन दिक्कतों का सामना करना पढ़ रहा है।
NPCI की चुप्पी, भरोसे पर सवाल!
अब तक नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की तरफ से कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है। यह स्पष्ट नहीं है कि UPI Down की वजह सर्वर ओवरलोड है, मेंटेनेंस कार्य चल रहा है या फिर कोई साइबर सिक्योरिटी की समस्या है। NPCI के ऑपरेशन और सिस्टम मैनेजमेंट पर भी अब सवाल उठने लगे हैं।
UPI: डिजिटल भुगतान पर निर्भरता बनी चुनौती
भारत में हर दिन करोड़ों की संख्या में डिजिटल ट्रांजैक्शन होते हैं। खासकर छोटे व्यापारी, ऑनलाइन खरीदार और लोकल स्टोर्स UPI पर पूरी तरह निर्भर हैं। ऐसे में जब भी UPI Down होता है, तो दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।
आजकल किराना की दुकान से लेकर टैक्सी वाले तक, सभी UPI को अपनाए हुए हैं। लेकिन जब UPI Down हो जाता है, तो पूरे सिस्टम पर अविश्वास बढ़ता है।
पिछले एक साल में छठी बार डाउन UPI !
यह चिंता की बात है कि पिछले 12 महीनों में UPI Down की यह छठी घटना है। इससे न केवल यूजर्स का भरोसा कमजोर होता है, बल्कि डिजिटल इंडिया के मिशन को भी नुकसान पहुंचता है।
UPI: समाधान की ज़रूरत!
भारत जैसे देश में जहां डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार पूरी ताकत लगा रही है, वहाँ बार-बार UPI Down होना एक गंभीर समस्या है। सरकार और NPCI को मिलकर एक मजबूत बैकअप सिस्टम बनाना होगा, जिससे इस तरह की रुकावटों से निपटा जा सके।
हर बार की तरह इस बार भी आम जनता को UPI Down का खामियाजा भुगतना पड़ा। जब तक NPCI इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकालता, तब तक लोगों को भरोसे के साथ डिजिटल पेमेंट करने में हिचकिचाहट रहेगी।
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